श्री राधे
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
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हे श्यामसुन्दर मैं आपको कभी भूलूं नहीं - मैं मनसा-वाचा-कर्मणा आपमें चित्त लगाये रहूँ -स्वीट राधिका राधे-राधे |
हरेकृष्ण-हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
श्रीजी
"श्री रामचरितमानस"
गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज विरचित अनुपम "भक्ति काव्य ग्रन्थ" मित्रो,एवं श्री राम भक्तजन मैं स्वीटराधिका अपने कथनानुसार कम्युनिटी "रामचरितमानस" में श्रीमद रामचरितमानस का प्रकाशन एवं भाष्य आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रही हूँ ..आशा है कि आपको इसमें श्री सीतारामजी के प्रेम-भक्ति की सुरसरि धारा प्राप्त होगी.मैं यथा संभव प्रयत्न करुँगी कि आपके लिए यह भेंट नित-प्रति देती रहूँ-आओ सर्वश्रेष्ठ निधि श्रीराम चरित का पान करें- कम्युनिटी से जुड़ने के लिए प्रस्तुत (नीचे) लिंक-बार पर क्लिक करें -
मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप मेरे द्वारा कहे भाष्य पर कोई शंका होने पर मुझसे पूछेंगे
सर्व-प्रथम,माता श्री जानकी जी के पावन युगल चरण कमलों में प्रणाम कर..गोस्वामी जी सहित सभी भगवद भक्तों का स्मरण-अभिनन्दन कर करुना-निधान भक्त-वत्सल श्री जानकी-जीवन श्री शिव मानस-हंस नीलमणि भगवान श्री दशरथ नंदन -संकोची नाथ श्रीरामजी के चरणों में निवेदन करती हूँ कि हेनाथ! मेरा मनोरथ सिद्ध हो ,इस कलियुग के स्वरुप इंटरनेट पर भगवान श्री सीता-राम प्रेम-धारा सभी भक्तों-संतों को प्राप्त होती रहे -जय-जय सीताराम
मित्रो भगवान श्री रामजी के दर्शन कर महाराज जनक (माता सीताजी के पिता ) अनिर्वचनीय ब्रह्म ज्ञान को भूल राम प्रेम -राम नन्द में मगन हो उठते हैं , महाराज जनक का एक नाम विदेह भी है -महाराज जनक देह मोह से रहित परम योगी हैं जहाँ सोअहम-शिवोअहम की उत्कृष्ट भावना है परन्तु भगवान श्री राम-लक्ष्मण की रूप झांकी को निहार वे इस ब्रह्म सुख को छोटा समझ राम दर्शन के महा आनंद में गोता लगाने लगते हैं अतः क्यों न इस परम आनंद लाभ श्री राम दर्शन आनंद को हम भी लूटें ...राम दर्शन योगी-भोगी सर्व को यथा भावना आनंद प्रदत्त करता है -जय-जय सियाराम
भक्त वांछाकल्पतरु कौसल्या नंदन भगवान श्री राम एवं श्री रामानुज भक्त श्री लखन लाल जी के दर्शन कर महाराज जनक जी ...मन में गुन्थित कर रहे हैं .. "इन्है देख मन अति अनुरागा -बरबस ब्रह्म सुखहि मन त्यागा "
मन में विदेह्जी(महाराज जनक जी ) कह रहे हैं कि आज इन दोंनो नयनाभिराम श्री राम-लक्ष्मन को देख-देह मोह से परे सोअहम रूपी ब्रह्म दर्शन से मन उचाटित हो उठा है
..आज नयनों में सच्ची शीतलता प्राप्त हो कर मन को मुदित कर परमानन्द प्रदान कर रही है
...आज साक्षात् ब्रह्म को सम्मुख देख-अनुभव कर रहे हैं
....प्रेम से बोलो जय सिया-राम ....राधे-राधे
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
ReplyDeleteओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
जबसे तुम संग मैंने अपने, नैना जोड़ लिए है,
क्या मैया क्या बाबुल सबसे, रिश्ते तोड़ लिए है.
तेरे मिलन को, व्याकुल है ये, कबसे मेरे प्राण.
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
सागर से भी गहरी मेरे, प्रेम की गेहेराई, लोक, लाज,
कुल की मरियादा, सज कर में तोह आयी.
मेरी प्रीती से, ओ निर्मोही, अब न बनो अनजान,
मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तोह मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान, मधुर सुना दो तान,
मधुर सुना दो तान
*गोविन्द दामोदर स्तोत्रं*
ReplyDelete-राधे-राधे-श्याम सुन्दर-
करारविन्देन पदार्विन्दं, मुखार्विन्दे विनिवेशयन्तम्।
वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव।
जिव्हे पिबस्वा मृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
विक्रेतुकामाखिल गोपकन्या, मुरारि पादार्पित चित्तवृतिः।
दध्यादिकं मोहावशादवोचद्, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
गृहे-गृहे गोपवधू कदम्बा:, सर्वे मिलित्वा समवाप्ययोगम्।
पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखं शयाना निलये निजेऽपि, नामानि विष्णोः प्रवदन्तिमर्त्याः।
ते निश्चितं तन्मयतमां व्रजन्ति, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे दैवं भज सुन्दराणि, नामानि कृष्णस्य मनोहराणि।
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
सुखावसाने इदमेव सारं, दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्।
देहावसाने इदमेव जाप्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
जिह्वे रसज्ञे मधुरप्रिया त्वं, सत्यं हितं त्वां परमं वदामि।
आवर्णये त्वं मधुराक्षराणि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
त्वामेव याचे मन देहि जिह्वे, समागते दण्डधरे कृतान्ते।
वक्तव्यमेवं मधुरम सुभक्तया, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
श्री कृष्ण राधावर गोकुलेश, गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णो।
जिह्वे पिबस्वा मृतमेवदेवं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥
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*स्वीट राधिका-राधे-राधे*
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shri radhey meri swamini men radhe ju ki daas
ReplyDeletejanam-janam mohi dijiyo priya shri vrindavan vaas
sab dwaran kun chhod ke main aayi tere dwaar
aho brashabhanu ki ladili nenku meri or nihaar
shri radhey meri swamini jivan dhan adhaar
rasik sudha ras raj prabhu mahima amit apaar
kunj bihari ladile shri shyama-shyam sarakar
tere dwaar "sweetie" khadi tuk mere hit hu vichaar
aho kripa mayi ladili nand ke lal gopaal
"sweetie" jivan hit karen nit keli kunj bihaar
shri radha vallabh ladile rasikan meet sujaan
meri bhav badha harau main lakhun prem muskaan
shri kirati suta shri swamini prem liyo avataar
shri vrindavan ki vatika priya priyatam karen vihaar
shri radhey-radhey ras sudha mere jivan geet
murali manohar lal ki kahe shri radhey-radhey geet
shyam sunadar ki muralika gavai radha naam
"sweetie" sang sangit mili shri radhey-shyam ke naam
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
jivan dhan radha-radha-radha-radha
param dhan radha shriradha-shriradha
pran dhan radha shriradha-shriradha
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
hamaro dhan radha-radha-radha-radha-radha
hamaro dhan radha shriradha-shriradha
*jay-jay shri radhey shyam*